बदनाम मेरे प्यार का अफ़साना हुआ है
दीवाने भी कहते हैं की दीवाना हुआ है
रिश्ता था तभी तो किसी बेदर्द ने तोड़ा
अपना था तभी तो कोई बेगाना हुआ है
बादल की तरह आ के बरस जाये इक दिन
दिल आप के होते हुए विराना हुआ है
बजते हैं ख़यालों में तेरी याद के घुँगरू
कुछ दिन से मेरा घर भी परीखाना हुआ है
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी
जिस फूल को देखूं वही पैमाना हुआ है
– अज्ञात
अहा…!अनुभूति…अवर्णनीय…चंद पंक्तियों में आपने कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया….धन्यवाद
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बजते हैं ख़यालों में तेरी याद के घुँगरू
कुछ दिन से मेरा घर भी परीखाना हुआ है
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी
जिस फूल को देखूं वही पैमाना हुआ है
waah bahut khub
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