क्या लिखूं….
पैगाम लिखूं…
तुझे जज़्बात लिखूं…
या अपने ये हालात लिखूं….
क्या लिखूं….
रातें लिखूं…
वो बातें लिखूं…
या ठहरी हुई मुलाक़ातें लिखूं…
क्या लिखूं….
जीत लिखूं…
इसे हार लिखूं….
या प्यार का व्यापार लिखूं…..
क्या लिखूं….
तुझपे लिखूं…
खुद को लिखूं….
या बेहतर है कुछ ना लिखूं…..
क्या लिखूं….
– गौरव संगतानी