मैने खुदा से दुआ माँगी…
ए खुदा कोई तो ऐसा दे..
जो अंधेरो को उजालों मे बदल दे
जो उदास चेहरे पे मुस्कान ला दे
कोई तो ऐसा हो जो उम्मीद क़ी किरण जगाए
कोई जो फिर से हसीं लौटाए
इक शक्स ऐसा जो मझधार मे साथ ना छोड़े
इक साथी ऐसा जो अपने वादे ना तोड़े…..
मैने मुड़के देखा तो तुम खड़े थे…
मुझे लगा मुझसे भूल हो गयी है…..
मेरी दुआ तो कब से कबूल हो गयी है…!
– गौरव संगतानी
khuda ki taasir bando par hamesha hoti hai,bilkul sahi kaha,sundar.
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waah..bahut hi khoobsurat bhaav hain…sundar nazm.
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bahut sundar bhaav..achchi lagi ye nazm.
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waah..khoobsurat nazm.
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