- कुछ शेर धुंधले से…. कहीं सुने थे कभी…. जिन्होने भी लिखे हैं उन्हे सलाम…
१. तेरी याद मे जल रहा हूँ मैं,
जहाँ तक रोशनी हो… चले आओ.. चले आओ…..!
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२. किस ज़ुबान से करें शिकवा हम उनके ना आने का,
ये एहसान क्या कम है कि हमारे दिल मे रहते हैं…!
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३. उनकी मसरूफ़ियत ने बाँधे रखा होगा उन्हे,
वरना क्या मज़ाल… वो हमे याद ना करें…!
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४. एक ज़रा सी बात पे बरसों के याराने गये…
हाँ मगर अच्छा हुआ कुछ लोग पहचाने गये…!
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५. तेरी बेवफ़ाई का शिकवा नही मुझे…
गिला तो तब हो जब तूने किसी से भी निभाई हो…!
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६. ए खुदा अगर ये सच है
कि दिलों क़ी मोहब्बतो मे तू नज़र आता है…..
तो क्यों टूटते हैं दिल….
और खुद तेरा ही वज़ूद बिखर जाता है…..!
…. शेष फिर कभी…..
बढ़िया है इक्ट्ठा करिये और लाईये.
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वाकई बेहतरीन कलेक्शन है.
जवाब नहीं.
बधाई.
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wah bahut hi umada,har sher lajawab
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Bahut badhia…
Agar author’s name bhi mil jaaye, to aur bhi achha hoga…
Thanks for posting them here…They are really good..
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