जितना चाहा है तुम्हे…. वो चाहत कहाँ से लाओगे…!
चाहत मिल भी गयी तो ये दिल कहाँ से लाओगे..!
दिल ढूँढ भी लिया तुमने तो वो इतना जल नही पाएगा,
मैं फिर कहता हूँ….. जितना चाहा है तुम्हे कोई चाह नही पाएगा…!
– गौरव संगतानी
जितना चाहा है तुम्हे…. वो चाहत कहाँ से लाओगे…!
चाहत मिल भी गयी तो ये दिल कहाँ से लाओगे..!
दिल ढूँढ भी लिया तुमने तो वो इतना जल नही पाएगा,
मैं फिर कहता हूँ….. जितना चाहा है तुम्हे कोई चाह नही पाएगा…!
– गौरव संगतानी
achchee koshish hai
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