रात तब नहीं होती जब अंधेरा आ जाता है,
रात तब होती है जब उज़ाला चला जाता है……
बात बहुत मामूली है…..इसिलिये तो खास है…..!
दर्द तब नहीं होता जब कोई भुला देता है,
दर्द तब होता है जब वो याद बहुत आता है……..
बात बहुत मामूली है…..इसिलिये तो खास है…..!
मैं तब नहीं थकता जब बहुत चल लेता हूँ,
मैं बहुत थक जाता हूँ जब खुद को अकेला पाता हूँ…
बात बहुत मामूली है…..इसिलिये तो खास है…..!
ज़ुल्म तब नहीं बढ़ता जब लोग बुरे हो जाते हैं,
ज़ुल्म तब बढ़ जाता है जब अच्छे लोग सो जाते हैं….
बात बहुत मामूली है…..इसिलिये तो खास है…..!
– गौरव संगतानी
अच्छा है.
मामूली तो नहीं, लेकिन ख़ास है.
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bahut khub
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speechless……………really grrrrrrr8
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Awesome Poetry
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