बहुत पहले लिखा था ये शेर, आज भी दिल के बहुत करीब है…..!
तेरी हर बात मानी है हमने,
अब ये ना कहना ऐ दिल धङकना छोङ दे |
दिल है तो धङकेगा,
दर्द होगा,
आँसू भी होंगे,
आँखों से ना कहना छलकना छोङ दे….!
– गौरव संगतानी
बहुत पहले लिखा था ये शेर, आज भी दिल के बहुत करीब है…..!
तेरी हर बात मानी है हमने,
अब ये ना कहना ऐ दिल धङकना छोङ दे |
दिल है तो धङकेगा,
दर्द होगा,
आँसू भी होंगे,
आँखों से ना कहना छलकना छोङ दे….!
– गौरव संगतानी
bahut bdhiya kaha apne
ard hai ankein tho chalkengihi.
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अच्छा है. बकौल ग़ालिब :
दिल ही तो है न संग-ओ-खिश्त, दर्द से भर न आये क्यों
रोयेंगे हम हज़ार बार, कोई हमें सताए क्यों
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