धुआँ अभी बाक़ी है………. Sep 02 2007 बहुत पहले लिखा था ये शेर, आज फिर याद आ रहा है….. आग बुझ गयी, पर धुआँ अभी बाक़ी है. हम कहते हैं इश्क़ नहीं, पर नशा अभी बाक़ी है. नशे का क्या है, ये तो उम्र भर रहेगा. शुक्र है खुदा का, जान अभी बाक़ी है. – गौरव संगतानी Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related Published by Gaurav Sangtani View all posts by Gaurav Sangtani